गजल
विजय कोइराला\\\'अदिन\\\', (झापा,नेपाल)
आज भाइ टिका दिदी रुदै छे।
मन बहलाउन फोटो छुदै छे।
आइ राख्या छ मेरो सम्झना।
आशु झार्दै तप्प माला बुन्दै छे।
हेर्दै मेरो बाटो पर क्षितिजमा।
मलाई मनपर्ने लुगा चुन्दै छे।
माला झुन्ड्याएर टिका नाकाल्दै।
छिटो साहित जान्न खबर सुन्दै छे।
टाढा छु म धेरै टाढा।
बिवश ऊ चाँडो तयार हुँदै छे।